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मुक्तिपर्व उपन्यास में दोहरी गुलामी से जूझते दलित

विद्रोह-कर्मकाण्ड-दलित विमर्श की कहानी है, विवेक मिश्र की कहानी '' ‘ऐ गंगा तुम बहती हो क्यूँ ?’

’दलित नारी की शोषण मुक्ति की संघर्ष गाथा है:सुशीला टाकभोरे की आत्मकथा ’शिकंजे का दर्द’

मुक्तिपर्व में शिक्षा, संघर्ष एवं संगठन

आदिवासी नृत्य ''युवक महोत्सव -२००४''

कौनसा चेहरा [ संस्मरण ]

मेरी कुछ कहानियाँ

मैंने दरिया में छलांग लगाई...